फतेहाबाद, 13 नवंबर। विश्व निमोनिया दिवस पर स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार व राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तत्वावधान में स्वास्थ्य विभाग की ओर से जिले में बाल निमोनिया से होने वाली मृत्यु को कम करने के उद्देश्य से सांस अभियान का शुभारंभ किया गया है।
सिविल सर्जन डॉ. बुधराम ने बताया कि निमोनिया पांच वर्ष से कम आयु के बच्चों में मृत्यु का प्रमुख कारण है, जबकि समय पर पहचान एवं उचित ईलाज से इसे रोका जा सकता है। निमोनिया नहीं तो बचपन सही इस नारे के साथ यह आयोजन समाज के हर वर्ग को इस दिशा में एकजुट करने का प्रयास है। उन्होंने कहा कि निमोनिया के लक्षण पहचान कर बच्चे को तुरंत स्वास्थ्य कार्यकर्ता के पास या स्वास्थ्य केंद्र में लेकर जाएं।
जिला प्रतिरक्षण अधिकरी डॉ. सन्नी मल्होत्रा ने कहा कि सांस अभियान के माध्यम से समाज स्तर से लेकर स्वास्थ्य संस्थानों तक बाल निमोनिया की रोकथाम एवं प्रबंधन पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। आशा व अन्य फ्रंट लाइन स्वास्थ्य कर्मचारियों को बच्चों में निमोनिया के लक्षणों की पहचान एवं शीघ्र रैफरल की दिशा में प्रशिक्षित किया जा रहा है ताकि प्रत्येक बच्चे की जान समय पर बचाई जा सके।
निमोनिया के लक्षण:-
बच्चों में सांखी और जुखाम का बढऩा, तेजी से सांस लेना, सांस लेते समय पसली चलना या छाती का नीचे धंसना तथा तेज बुखार आना निमोनिया के लक्षण है।
सांस अभियान का मुख्य उद्देश्य:-
पांच वर्ष से कम आयु के बच्चों में निमोनिया से होने वाली मृत्यु को कम करना, समाज में जागरूकता लाना ताकि निमोनिया की समय पर पहचान एवं ईलाज हो सके, स्वास्थ्य संस्थानों में बालरोग सेवाओं को शक्तिशील बनाना, सभी बच्चों को पीसीवी की तीन खुराक (6 सप्ताह, 14 सप्ताह व 9 माह पर बुस्टर) दिलवाना सुनिश्चित करना है।
सांस अभियान की मुख्य कार्य क्रियाएं:-
सांस अभियान के दौरान आशा, एएनएम व सीएचओ कर्मचारियों द्वारा घर-घर जाकर पांच वर्ष से कम आयु के बच्चों में बुखार, खांसी या सांस लेने में कठिनाई होने के लक्षण की पहचान करना है। इसके साथ ही संदिग्ध बच्चों को निकट के स्वास्थ्य केन्द्र पर रैफर करना एवं प्रारंभिक ईलाज देना, जिला अस्पताल व स्वास्थ्य केन्द्रों में ऑक्सीजन, पल्स ऑक्सीमीटर, नेबुलाइजर आदि आवश्यक उपकरणों की उपलब्धता सुनिश्चित करना, माताओं एवं अभिभावकों में निमोनिया के लक्षण, कारण एवं बचाव के उपाय पर आईईसी कार्य क्रियाएं चलाना तथा स्वच्छ ईंधन का उपयोग, घरों में धुंए से बचाव एवं वायु प्रदूषण कम करने पर विशेष बल देना है।
स्वास्थ्य विभाग की ओर से विश्व निमोनिया दिवस पर जिला में सांस अभियान की हुई शुरूआत
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