-लघु सचिवालय में डीएल, रजिस्ट्री से लेकर हर प्रकार के काम नहीं हो पाए, लोग हुए परेशान
फतेहाबाद: बेसिक वेतन में बढ़ोतरी की मांग को लेकर जिले के अलग-अलग विभागों में तैनात लिपिक आज से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए। सुबह लघु सचिवालय के बाहर पार्क में हड़ताली लिपिक इकट्ठे हुए और सरकार के लिए खिलाफ जमकर नारेबाजी की। क्लेरिकल एसोसिएशन वेलफेयर सोसाइटी के जिला कोआर्डिनेटर चितरंजन साहू ने बताया कि लिपिक की बेसिक पे 19900 है। वह हरियाणा सरकार से लिपिकीय वर्ग की बेसिक वेतन को 35400 करने की मांग कर रहे हंै। उन्होंने बताया कि सबसे Óयादा काम लिपिक से लिया जाता है बावजूद इसके उनकी बेसिक वेतन की मांग को सरकार स्वीकार नहीं कर रही है। उन्होंने कहा कि वह अपनी मांग को लेकर विधायक, सांसद व सरकार के पदाधिकारियों से मिल चुके हैं, लेकिन किसी ने भी उनकी मांगों पर गंभीरतापूर्वक विचार नहीं किया है। अंत में उनके पास अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने का विकल्प ही बचा था। इसलिए जब तक सरकार उनकी मांगों पर कोई पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं करती वह हड़ताल पर रहेंगे। हड़ताल को समर्थन देने पहुंचे रिटायर कर्मचारी नेता निहाल सिंह मताना ने सरकार के खिलाफ जमकर भड़ास निकाली। उन्होंने कहा कि लिपिक अपने हक मांग रहे है। बेसिक वेतन में बढ़ोतरी की मांग जायज हैं। वह अपनी मांगों के लिए संघर्ष करेंगे। क्लेरिकल एसोसिएशन वेलफेयर सोसाइटी के जिला प्रधान संदीप पूनिया ने बताया कि आज से क्लेरिकल एसोसिएशन वेलफेयर सोसाइटी के आह्वान पर प्रदेश के विभिन्न विभागों, बोर्डों, निगम के लिपिकीय वर्ग द्वारा अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू हो गई है। सरकार जब तक कोई ठोस आश्वसान नहीं देगी हड़ताल जारी रहेगी। वहीं हड़ताल के कारण शिक्षा विभाग, डीसी कार्यालय, नगर निकाय, बीएंडआर, सिंचाई विभाग, कृषि विभाग, जनस्वास्थ्य विभाग, स्वास्थ्य विभाग में काम प्रभावित रहा । हड़ताल के कारण आमजनों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा। खासतौर पर नगर परिषद में विभिन्न कार्यों के लिए आए आमजन काफी परेशान दिखे। वहीं लघु सचिवालय में लिपिकों के हड़ताल पर जाने से रजिस्ट्री करवाने आए लोगों को मायूस होना पड़ा। हड़ताल के कारण आरसी, डीएल का काम प्रभावित हुआ। वहीं हड़ताली लिपिकों को नगराधीश सुरेश कुमार नोटिस जारी कर उनसे हड़ताल पर न जाने को कहा, जैसे ही कर्मचारियों को इस नोटिस की भनक लगी उन्होंने नगराधीश के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। लिपिकों का कहना है कि अधिकारियों को लिपिकों का साथ देना चाहिए, लेकिन वह उनका साथ न देकर उन पर बेवजह दबाव बना रहे हैं, जिसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।