रतिया/फतेहाबाद: आम आदमी पार्टी प्रदेश प्रचार समिति के अध्यक्ष डॉ. अशोक तंवर ने शनिवार को रतिया में घग्गर नदी के तटबंधों दौरा किया। इस दौरान उन्होंने बाढ़ प्रभावित क्षेत्र रतिया के गांव ढाणी लाम्बा, गांव लाम्बा, रत्ता थेह, चिम्मो हेड, स्कूल ढाणी में जाकर ग्रामीणों और किसानों से बातचीत की। वहीं के अलावा टोहाना हल्का के गांव रत्ता थेह,सक्करपुरा और चांदपुरा में पहुंचे। रतिया में घग्गर नदी के तेज़ बहाव का जायजा लेते हुए अशोक तंवर प्रभावित क्षेत्र के ग्रामीणों व किसानों से मिले। डॉ. अशोक तंवर ने कहा कि वर्ष 2010 में आई बाढ़ के बाद मैंने बतौर सांसद रहते घग्गर के किनारे पक्का बांध बनवाया था जिसके कारण आज रतिया शहर बाढ़ से बचा हुआ है और लोग आज भी याद करते हैं। आप नेता ने कहा कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल केंद्र से बाढ़ राहत के लिए पैकेज लाए थे उसका लाभ कब और कैसे लोगों तक पहुंचेगा ? इस दौरान उन्होंने खट्टर सरकार से मनरेगा के मजदूरों को भी पूरी मजदूरी देने की मांग की।
उन्होंने कहा कि प्रदेश की गठबंधन सरकार की अनदेखी के कारण आज प्रदेश में ऐसे हालात हुए हैं। यदि समय रहते प्रदेश सरकार ने इंतजाम किए होते तो आज बाढ़ जैसे हालात नहीं होते। घग्गर का बांध टूटने से कई गांव पानी में डूब गए हैं और अब शहर की तरफ पानी बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि जब पानी ऊपर आया तो सरकार की तरफ से लोगों को एहतियात के तौर पर कोई सूचना नहीं दी गई। इसकी वजह से लोगों के घर का समान और राशन खराब हो गया। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार की ओर से ग्रांट आने के बाद भी बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों को मदद नही मिल रही। उन्होंने कहा कि सीएम खट्टर हवाई दौरे छोड़कर जमीनी स्तर पर बाढ़ पीड़ितों के लिए काम करें। उन्होंने आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं से बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करके लोगों की मदद करने का आह्वान किया।
उन्होंने कहा कि लोगों के पास न राशन पहुंच रहा और पीने के पानी में गटर का पानी मिल गया। सरकार और प्रशासन का कोई भी आदमी जनता के बीच मदद के लिए नहीं पहुंच रहा। इसके बाद अब महामारी फैलने का अंदेश बना हुआ है सरकार को पहले ही तैयारी कर लेनी चाहिए और सफाई व्यवस्था के साथ साथ मच्छर मारने के लिए दवा का भी छिड़काव करे। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश ने यमुना पक्के बांध बनाए हुए हैं। यदि हरियाणा में बांध पक्के होते तो काफी हद तक बचाव किया जा सकता था। उन्होंने कहा कि खट्टर सरकार ने हथिनी कुंड बैराज का पानी केवल दिल्ली की तरफ छोड़कर दिल्ली को डूबाना चाहती थी। जबकि उत्तर प्रदेश की कैनाल सूखी पड़ी है, इससे वॉटर लेवल कम हो जाता और बाढ़ ग्रस्त एरिया को राहत मिलती, बहुत सारे गांव पानी की चपेट में आने से बच जाते। उन्होंने खट्टर सरकार से बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों से जल्द पानी निकासी की व्यवस्था करने की मांग की