रतिया: बीती देर रात करीब 11 बजे एसडीएम जगदीश चंद्र को विभाग के किसी कर्मचारी से सूचना मिलती है कि गांव मिराणा के आसपास खड़े पानी में गांव का एक व्यक्ति अभी-अभी डूब गया है, जिस पर एसडीएम ने संज्ञान लेते हुए बगैर समय गंवाए खुद अपने साथ तहसीलदार, नायब तहसीलदार, सेना की टीम व गोताखोरों को लेकर गांव मिराणा को निकल पड़े और एसडीएम व पूरी टीम रात को ही बाढ़ के पानी से होते हुए उस जगह पहुंची जहां व्यक्ति के डूबने की सूचना थी। मौके पर पहुंचकर सेना की टीम व गोताखोरों को ने करीब डेढ़ घंटे तक पानी में कड़ी मशक्कत कर डूबने वाले व्यक्ति को निकालने के लिए सर्च अभियान चलाया लेकिन डूबने वाले व्यक्ति का कहीं पता नहीं चला। एसडीएम जगदीश चंद्र ने मौके पर वहां मौजूद डूबने वाले व्यक्ति के भाई से जब यह पूछा कि आपको आपके भाई के डूबने की सूचना किसने दी थी, तो उस व्यक्ति ने बताया कि मुझे गांव के एक 6 वर्षीय ने ब’चे ने बताया था कि उसने मेरे भाई को पानी में डूबते हुए देखा है। जिसके पश्चात एसडीएम व उनकी टीम को कुछ संदेह हुआ लेकिन फिर भी सेना व गोताखोरों की टीम ने दोबारा सर्च अभियान चलाया लेकिन उक्त व्यक्ति का कहीं पता नहीं चला। इतने में ही गांव का एक व्यक्ति आकर मौके पर मौजूद एसडीएम व उनकी टीम को बताता है कि जिसको आप ढूंढ रहे हो वह अपने किसी जानकार के घर सोया हुआ है। तत्पश्चात प्रशासनिक टीम ने गांव के मौजिज के लोगों को वहां भेज कर पता करवाया तो पता चला कि यह बात सही है कि जिस व्यक्ति के डूबने की सूचना पर पूरा प्रशासनिक अमला उसे ढूंढने की कोशिश कर रहा है वह व्यक्ति अपने किसी जानकार के घर सोया हुआ था। जिसके पश्चात एसडीएम व पूरी टीम रात करीब 2 गांव से वापस लौटी। जब इस बारे में एसडीएम जगदीश चंद्र से जानकारी ली तो उन्होंने बताया रात को गांव मिराणा में किसी व्यक्ति के बाढ़ के पानी में डूबने की सूचना मिली थी जिसके पश्चात मैं अपनी टीम के साथ गांव पहुंच गए था इसके बाद मिलिट्री व गोताखोर की टीम ने पानी में काफी देर तक सर्च कर रही थी, लेकिन तब पता चला कि उक्त व्यक्ति अपने किसी जानकार के घर सोया हुआ था।