फतेहाबाद। शहर के जगजीवनपुरा में गुरुद्वारा श्री गुरु सिंह सभा की नवनिर्मित इमारत का शुभारंभ गुरु ग्रंथ साहिब के विराजने से हो गया। इसी उपलक्ष्य में शुक्रवार को रखे गए श्री अखंड पाठ का रविवार को भोग डाला और शब्द कीर्तन के माध्यम से गुरुओं की बाणी का गुणगान किया गया। इस अवसर पर तख्त श्री दमदमा साहिब के ज्ञानी गुरप्रीत सिंह ने जहां कथा के माध्यम से गुरुओं की महिमा का वर्णन किया वहीं भाई अमनदीप सिंह हजूरी रागी श्री दरबार साहिब अमृतसर साहिब और हजूरी रागी जत्था गुरुद्वारा सिंह सभा भाई दविंद्र सिंह ने शब्द कीर्तन के माध्यम से गुरुओं की बाणी का गुणगान किया। श्री अखंड साहिब के पाठ के शुभारंभ शुक्रवार से लेकर रविवार को भी शहर और आसपास के क्षेत्र की संगतों ने गुरुघर में दर्शन कर अपने आपको निहाल किया। इस अवसर पर ज्ञानी गुरप्रीत सिंह ने कहा कि हमें हमेशा गुरु का सिमरन करना चाहिए क्योंकि जो वक्त बीत जाता है वो लौटकर नहीं आता। उन्होंने बताया कि बचपन गया तो जवानी आई, जवानी के बाद अधेड़ अवस्था तथा उसके बाद बुढ़ापा आता है लेकिन जो समय बीत जाता है वो वापिस नहीं आता इसलिए हमे सदा गुरुबाणी का सिमरन करना चाहिए। उन्होंने बताया कि हमारे गुरु राजाओं के राजा और महाराजाओं के भी राजा है। जब हम गुरु की शरण में आते हैँ तो अपने आपको गुरु के शरणागत करना चाहिए। उन्होंने कहा कि जो गुरु की शरण में आ जाता है गुरु जी उसे अपने गले लगा लेते हैँ चाहे वो अच्छा हो या बुरा। ज्ञानी जी ने कहा कि ये स्वभाव हमारे गुरु का ही है दुनियावी लोगों का स्वभाव ऐंसा नहीं होता है। दुनिया हमारे अवगुणों के कारण हमें स्वीकार नहीं करती लेकिन गुरु हमारे अवगुणों को भी अनदेखा करके हमें अपनाने का काम करते हैँ तथा सदमार्ग पर चलने का रास्ता दिखाते हैँ। उन्होंने बताया कि गुरु रामदास जी कहते हैँ कि हम अपने आपको गुरु की के समर्पित कर दें तो दुनियावी तौर तरीको को त्यागकर आऐं। अगर हम अपने आपको गुरु के समर्पित कर देंगे तो गुरु जी हमारे को इस भवसागर से पार ले जाने का काम करेंगे। इस अवसर पर गुरु का अटूट लंगर भी बरताया गया। समागम में प्रबंधक कमेटी गुरुद्वारा सिंह सभा, गुरुद्वारा गुरुनानकपुरा, गुरुद्वारा नामधारी, गुरुद्वारा थाना रोड़, गुरुद्वारा माजरा रोड़, सुखमणी साहिब सेवा सोसायटी और यूथ खालसा सोसायटी के सदस्यों ने अपनी सेवाऐं दी