फतेहाबाद/मुकेश: पूरे वर्ष भर सुहागिन महिलाएं करवा चौथ पर्व का बेसब्री से इंतजार करती हैं और करवाचौथ का दिन आने पर वे अपने पति की दीर्घायु के लिए व्रत रखती हैं। इसके पर्व में करवे का बड़ा ही महत्व होता है। इस पर्व को अभी तीन दिन शेष है। इसलिए कुम्हार समुदाय के लोग मिट्टी के करवे बनाने में मशगूल हैं। हालांकि कुछ लोग चांदी, पीतल व स्टील के करवा का प्रयोग भी करते हैं लेकिन अभी भी अधिकांश महिलाएं मिट्टी के करवा से ही पूजन शुभ मानती हैं और उसका ही उपयोग करती हैं। देखा जाए तो पिछले दो तीन वर्षों में मिट्टी के करवा दीपक आदि की डिमांड बढ़कर सामने आई है। त्योहार को नजदीक देख कुम्हार भी नए नए डिजाइन में आकर्षक करवे तितर करने में जुटे हैं। आगामी 20 अक्टूबर को करवा चौथ का त्योहार धूमधाम से मनाया जाएगा। करवा चौथ के त्योहार नजदीक देख कुम्हार लोग करवे की तैयारियों में दिन रात एक किये हुए है। करवाचौथ के त्योहार में मात्र तीन दिन का समय शेष है। ऐसी हालत में करवा तैयार करने, पकाने व रंगने का काम व्यापक स्तर पर चल रहा है। इस बार करवे की कीमत 15 रुपये से &0 रुपये तक होगी।