फतेहाबाद: फसल अवशेष प्रबंधन स्कीम के तहत राज्य सरकार द्वारा स्ट्रॉ बेलर द्वारा गांठ बनाकर फसल अवशेष प्रबंधन करने के साथ साथ खेत में ही मशीनों की सहायता से धान अवशेष को मिट्टी में मिलाने पर 1000 रुपयेे प्रति एकड़ प्रोत्साहन राशि दी जा रही है। इस बारे में विस्तृत जानकारी देते हुए सहायक कृषि अभियंता डॉ. पवन कुमार ने बताया कि जहां किसान को गांठ बेचकर अतिरिक्त आमदनी होगी, वहीं किसान द्वारा धान अवशेषों को मिट्टी में मिलाने से भूमि की उर्वरा शक्ति बढ़ेगी। किसान धान अवशेषों को मिट्टी में मिलाने के लिए हैप्पी सीडर, सुपर सीडर, रेवर्सिबल एमबी प्लाऊ, जीरो ड्रिल, रोटावेटर एवं हैरो की सहायता से मिलाकर प्रोत्साहन राशि हेतु आवेदन कर सकते हैं। जीपीएस लोकेशन सहित रंगीन फोटो देनी होगी:- जो किसान मशीनों द्वारा पराली अवशेषों को मिट्टी में मिलाने का कार्य करेंगे, वे किसान प्रत्येक एकड़ में पराली का प्रबंधन करते हुए जीपीएस लोकेशन वाली रंगीन फोटो का रिकॉर्ड अपने पास रखेंगे। सरकार द्वारा दोनों प्रकार के अवशेष प्रबंधन पर 1000 रुपयेे प्रति एकड़ दिया जाता है, इसके लिए किसान को विभागीय पोर्टल डब्ल्यूडब्ल्यूडब्ल्यू डॉट अग्रीहरियाणा डॉट जीओवी डॉट इन पर पंजीकरण करने की तिथि 30 नवंबर से बढ़ाकर 8 दिसंबर तक कर दी गई है। उक्त तिथि के बाद विभागीय पोर्टल बंद हो जायेगा। इस पंजीकरण के लिए किसान का मेरी फसल मेरा ब्यौरा होना चाहिए। किसान के लिए प्रोत्साहन राशि के लिए अधिकतम क्षेत्रफल की कोई सीमा नहीं है। अधिक जानकारी के लिए अपने जिले के कृषि विभाग के कृषि अधिकारियों या सहायक कृषि अभियंता, फतेहाबाद के कार्यालय में किसी कार्य दिवस को सुबह 9 बजे से 5 बजे तक संपर्क किया जा सकता है