भूना: गत रात्रि रामा कृष्णा कला मंच भूना के द्वारा आयोजित रामलीला कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि वरिष्ठ कांग्रेस नेता डॉक्टर वीरेंद्र सिवाच ने शिरकत की और भगवान विष्णु की आरती कर आर्शीवाद लिया। इस मौके पर मौजूद लोगों को संबोधित करते हुए डॉक्टर वीरेंद्र सिवाच ने कहा कि त्रेता युग में प्रभु श्रीराम ने दस सिर वाले रावण का वध किया था, क्योंकि रावण सीता का हरण करने की भूल कर बैठा था और आज यानी कलयुग में दस सिर वाले रावण तो नहीं हैं, लेकिन एक ही सिर में दस दिमागों की घृणित, कुत्सित और कुंठित मानसिकता देखने को ज़रूर मिल जाती है। डॉक्टर वीरेंद्र सिवाच ने कहा कि आज के दौर में रावण के दस सिर नशा,भ्रष्टाचार,दहेज,क्रोध,लोभ, मोह,मद,वासना,अनैतिकता जैसे कुंठित कार्य हैं जोकि समाज के पतन का कारण बन चुके हैं। वरिष्ठ कांग्रेस नेता डॉक्टर वीरेंद्र सिवाच ने कहा कि रावण भी इन नकारात्मक भावनाओं से ग्रस्त था और इसी कारण ज्ञान व श्री संपन्न होने के बावजूद उसका विनाश हो गया। वरिष्ठ कांग्रेस नेता डॉक्टर वीरेंद्र सिवाच ने कहा कि वैसे तो हर व्यक्ति में कहीं न कहीं रावण छिपा होता है, जो कभी क्रोध तो कभी प्रतिशोध के रूप में सामने आता है, लेकिन कलयुग का असली रावण तो वह है जो महिलाओं के प्रति बेहद संकीर्ण सोच रखता है। दशहरे से पहले हम नवरात्रि के रूप में नारी शक्ति की पूजा करते हैं और दशहरे पर बुराई का अंत करते हैं, लेकिन सदियों से चली आ रही यह परंपरा हमारे अंदर के रावण को नहीं जला पाई है। रामायण काल का रावण सीता की सुंदरता पर मोहित हो गया था, लेकिन उसने कभी माता सीता पर वासना के विचार नहीं पनपने दिए। डॉक्टर वीरेंद्र सिवाच ने कहा कि जब तक इस रावण का दहन नहीं होगा, तब तक इस पर्व कोई मतलब नहीं है। सिर्फ पुतले को आग लगाने से बुराई खत्म नहीं होगी, वैचारिक रावण को खत्म करने के लिए हमें राम बनना होगा। हमें महिलाओं के प्रति अपने मन में वही सम्मान पैदा करना होगा, जो हम देवी दुर्गा के चरणों में सिर झुकाते समय महसूस करते हैं। डॉक्टर वीरेंद्र सिवाच ने कहा कि आज के समय नशा भी एक सबसे बड़ा रावण बन चुका है। नशा चाहे शराब का हो या ड्रग्स का, सदैव घातक होता है। नशा करके मानव शैतान बन जाता है। उसकी विचार क्षमता खो जाती है। उसे पाप-पुण्य उचित अनुचित का ज्ञान नहीं रहता। उसका नैतिक पतन हो जाता है। डॉक्टर वीरेंद्र सिवाच ने कहा कि नशेड़ी अपनी सारी संपत्ति नशे में नष्ट कर डालता है। जब धन नहीं बचता तो घर के गहने, कपड़े बर्तन तक बेच कर नशा करता है। यह सब भी न रहने पर दूसरों से उधार, चोरी यहाँ तक कि कई बार तो दूसरों की हत्या करके भी धन प्राप्त करता है ताकि नशा किया जा सके। डॉक्टर वीरेंद्र सिवाच ने कहा कि आज मैं मातृ शक्ति से यही आह्वान करता हूँ कि आज अपने बच्चों को इस रावण से बचाना होगा वरना कल को हमारे पास पछतावे के अलावा कुछ नहीं बचेगा