फतेहाबाद: घग्गर नदी के उफान से फतेहाबाद के 121 गांव प्रभावित हुए हैं। अभी फतेहाबाद शहर को बचाने के लिए जद्दोजहद जारी है। शहर और बाढ़ के पानी के बीच नेशनल हाईवे का दो लेन का रास्ता ही बचा है। इस रास्ते पर लगातार प्रशासन मिट्टी, कट्टे डालकर तटबंध बनाने में जुटा हुआ है। रात में शहर के पास पानी आधा फुट तक फिर से बढ़ गया है। हालांकि पिछले गांवों में जहां से पानी आया था, वहां पानी कुछ कम हुआ है। लेकिन शहर के साथ लगते बाई पास के साथ और गांवों में 6 इंच तक पानी चढ़ा हुआ है।
आर्यन स्कूल के सामने खेतों में 8 फुट पानी खड़ा है। यदि अंडर पास में लीकेज हो गई तो फतेहाबाद शहर महज दो घंटे में झील में तब्दील हो जाएगा, लेकिन ऐसा होने की संभावना कम है क्योकि प्रशासन ने खान मोहम्मद गांव में पानी निकासी के नए द्वार खोज लिए है। फिलहाल तो आपस के गांवों में का पानी बाइपास के पास ही ठोकर मार रहा है। यह क्षेत्र काफी निचाई पर स्थित है ऐसे में स्वाभाविक है कि यहां पानी देर से पहुंचा और निकलेगा भी सबसे आखिर में। बस इतनी दुआ की जरूरत है कि यहां बादल न फटे। यदि यहां बारिश हो गई तो मिट्टी से बनाए गए तटबंध टूट सकते हैं। वही प्रशासन ने शहर में बरसात की स्थिति में बरसाती पानी को भट्टू रोड स्थित वाटर वकर््स की बंद पड़ी टंकियों में डालने की योजना बना ली है। प्रशासन को यह खतरा है कि बरसात की स्थिति में एक तरफ शहर का पानी और दूसरी तरफ बाढ़ का पानी मिलकर कहर ना बरपा दें। इसलिए शहर से पानी निकासी के लिए वैकल्पिक इंतजाम किए गए है। वहीं आज सेना ने भी मोर्चा संभाल लिया है। सेना के वरिष्ठ अधिकारियों ने बाइपास पर बनाए तटबंधों का निरीक्षण किया और डेटा एकत्रित किया कि किस व्यक्ति की कहां ड्यूटी है। सेना के जवान पहले भी बोट से पानी से घिरे ढाणियों के लोगों को राशन व दवाईंयां पहुंचा रहे है।
प्रशासन ने हांसपुर चौक पर अस्थायी शौचालय भी स्थापित कर दिए है। भूना रोड पर दलदल होने की वजह से प्रशासन ने आज भूना रोड पर पर बैरिकेट लगाकर रास्ता बंद कर दिया है। फतेहाबाद से भूना जाने के लिए धांगड होकर जाना पड़ रहा है। माजरा रोड स्थित प. चरणजीत शर्मा के आश्रत के पास बाढ़ का पानी आ जाने से समाजसेवी व पैक्स चेयरमैन इंद्र गावड़ी और उनकी टीम के सदस्य मोर सिंह फौजी, सोनू सोनी, सुरेन्द्र कंबोज, सतीश कुमार, डा. सुशील चौटाला, धर्मवीर काका ने 25 गौवंश को रेस्क्यु किया!