फतेहाबाद: नाबालिंग को घर ले जाकर छेडछाड, दुष्कर्म करने व कमरे में बंद कर जान से मारने की धमकी देने की दोषी को अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश व फास्ट टै्रक कोर्ट के स्पेशल जज सुनील जिंदल की अदालत ने 20 साल की कैद व 65 हजार जुर्माने की सजा सुनाई है। अभियोजन पक्ष की ओर से सरकारी वकील ओपी बिश्रोई ने पैरवी की थी। जानकारी के अनुसार फतेहाबाद जिले के एक गांव निवासी पीडि़ता की माता की शिकायत पर सुरेन्द्र कुमार के खिलाफ पुलिस ने 30 अगस्त 2022 को आईपीसी की धारा 354ए (1आई), 363, 366, 376(3), 342, 506 पोक्सो एक्ट की धारा 4 (2) व 8, एससी-एसटी एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया था। पीडि़ता की माता ने पुलिस को दी अपनी शिकायत में बताया कि उसकी करीब साढ़े 12 वर्षीय लड़की सरकारी स्कूल में 7वीं कक्षा में पढ़ती है। आज उसे करीब साढ़े 10 बजे स्कूल से सूचना मिली कि उसकी लड़की स्कूल में नहीं है। मैंने लड़की को ढ़ुढऩे की कोशिश की और मुझे लड़की लगभग अढ़ाई बजे मिली। मैंने मेरी लड़की से पूछताछ की तो उसने बताया कि आरोपी सुरेंद्र जो हमारे घर दूध लेेने आता था। मुझे लगभग दो महीने पहले अपने घर ले गया और मेरे साथ जबरदस्ती दुष्कर्म किया और किसी को इस बारे बताने पर जान से मारने की धमकी दी। लड़की ने उसे बताया कि आज स्कूल में जब उसकी तबीयत खराब हो गई तो मैं घर आ रही थी। जब मैं आरोपी सुरेंद्र के घर के पास से गुजर रही थी तो गली में आरोपी उसे मिला और बहला फुसला कर उसे अपने घर ले गया और उसके साथ छेडछाड़ की तथा उसे कमरे में बंद कर दिया। उसके बाद मेरी लड़की मौका पाकर आरोपी के घर से भाग गई और मुझे सारी बात बताई। अदालत ने दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद आरोपी सुरेन्द्र कुमार को पोक्सो एक्ट की धारा 4 (2) व 8, 363, 342, 366 व 506 के तहत दोषी करार दिया था।