फतेहाबाद। जिले में बाढ़ के कारण खराब हुई हजारों एकड़ फसल के मुआवजे सहित किसानों की 21 मांगों को लेकर पगड़ी संभाल जट्टा किसान संघर्ष समिति द्वारा 18 अगस्त से लगातार लघु सचिवालय के मेन गेट पर पक्का मोर्चा लगाया गया है। पिछले 12 दिनों से धरने पर बैठे किसानों की अब आखिरकार प्रशासन ने सुध ली है। मंगलवार को उपायुक्त प्रशांत पंवार ने किसान संघर्ष समिति के प्रतिनिधिमंडल को बातचीत के बुलाया। किसान संघर्ष समिति का प्रतिनिधिमंडल राज्य प्रधान मनदीप नथवान के नेतृत्व में डीसी से मिला और किसानों की सभी मांगों को प्रशासन के समक्ष रखा। मनदीप नथवान ने डीसी को बताया कि जिले में बाढ़ के कारण एक लाख एकड़ से अधिक किसानों की फसल बर्बाद हो गई है वहीं खेतों में ट्यूब्वैल भी पूरी तरह खराब हो गए है। बाढ़ के कारण लोगों के मकान टूट चुके हैं लेकिन सरकार इन्हें कोई राहत नहीं दे रही। इस सरकार में कोई भी किसानों व आम जनता की बात सुनने वाला नहीं है। क्षतिपूर्ति पोर्टल के नाम पर लोगों को गुमराह किया जा रहा है। पहले भी पोर्टल पर दर्ज नुकसान का किसानों को कोई मुआवजा तक नहीं दिया गया है। बीमा कम्पनियों ने जमकर लूट मचा रखी है। जबरदस्ती प्रीमियम काट लिया जाता है लेकिन फसल खराब होने पर बीमा क्लेम नहीं दिया जाता। सेमग्रस्त क्षेत्रों के किसान भी आज त्राहि-त्राहि कर रहे हैं। बातचीत में डीसी ने किसानों की जिला स्तर की सभी जायज मांगों को जल्द पूरा करवाने का आश्वासन देते हुए आंदोलन खत्म करने की अपील की। बातचीत के बाद मनदीप नथवान ने कहा डीसी के साथ आज अच्छे माहौल में बातचीत हुई है। बातचीत में किसानों की मुआवजे सहित 21 मांगों को डीसी के समक्ष रखा गया है। डीसी ने प्रतिनिधिमंडल की बातों को ध्यान से सुना और जिला स्तर की सभी मांगों को जल्द पूरा करने का आश्वासन दिया है लेकिन किसानों की मुख्य मांग मुआवजे को लेकर अभी भी पेंच फंसा हुआ है। मुआवजा सरकार ने देना है। किसानों को कितना मुआवजा मिलेगा, यह सरकार ने तय करना है और इसको लेकर अभी तक सरकार ने कोई घोषणा नहीं की है। प्रशासन ने 31 अगस्त तक अपनी रिपोर्ट सरकार को भेजने की बात कही है। प्रशासन के साथ बिजली, सडक़ें और पीने के पानी के मुद्दे पर भी चर्चा हुई, जिसे डीसी द्वारा जल्द समाधान का आश्वासन दिया गया है।