फतेहाबाद: जब बात आपके टूटे हुए दांत या कृत्रिम दांत लगवाने की आती है तो डेंटल इंप्लांट्स एक महत्वपूर्ण समाधान हो सकता हैं| आपको डेंटल इंप्लांट्स के बारे में जानकारी होना आवश्यक है।फतेहाबाद के वरिष्ठ दंत चिकित्सक डॉ वरुण अरोड़ा ने हिसार में आयोजित 4 दिवसीय कार्यशाला में बोलते हुए बताया की दांतों की बीमारी से पीड़ित मरीज को ज्यादा नहीं तो कम से कम इतना जरूर मालूम होना चाहिए कि डेंटल इम्प्लांट्स के कुछ अल्पकालिक और दीर्घकालिक लाभ होते हैं। इससे मरीज को सभी प्रकार के दंत स्वास्थ्य समस्याओं से संबंधित उत्तम समाधान प्राप्त करने में सहायता मिल सकती है। अक्सर शुरुआत के कुछ हफ्तों में मरीज को खाना खाते समय तकलीफ का सामना करना पड़ता है और कुछ दिनों के दौरान थोड़ी सी सनसनी महसूस होती है लेकिन कुछ समय बाद आप खाना खाते वक्त अच्छा महसूस करने लगते है। डॉ अरोड़ा ने बताया की डेंटल इम्प्लांट (दंत प्रत्यारोपण) में, जहां पर दांत नहीं है वहाँ उसकी जड़ को एक स्क्रू से बदल दिया जाता है जो की जिरकोनियम, छोटे टाइटेनियम या सिरेमिक स्क्रू से यह बना होता है। यह उचित स्थान पर सुरक्षित रूप से बिठाया जाता है।डेंटल इम्प्लांट प्राकृतिक दांत की तरह ही कार्य करता है। इसकी सभी देखभाल प्राकृतिक दांतों की तरह ही करनी चाहिए। आपको फ्लॉस करना चाहिए और प्रतिदिन ठीक से ब्रश करना चाहिए। आप इसका जितना ज्यादा अच्छा ख्याल रखेंगे आपके दांत अच्छे रहेंगे| डेंटल इम्प्लांट्स में, रूट कैनाल या फिलिंग की कोई आवश्यकता नहीं होती है।अगर दांत खराब होने के बाद दांत को जल्दी से नहीं बदला जाता है, तो हड्डी के नुकसान की संभावना होती है। डेंटल इम्प्लांट्स जबड़े की हड्डी को खुद के पुनर्निर्माण और स्वस्थ रहने के द्वारा फ्यूज करके स्थिर करता है। दांत की हड्डियां अपने मसूड़ों और जबड़े को मजबूत रखती हैं इसलिए अपनी दांत की हड्डियां को नुकसान होने से रोकना चाहिए| फ्रैक्चर और अन्य मौखिक स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं को काफी हद तक कम किया जा सकता है।
अन्य दांतों का स्वास्थ्य प्रभावित नहीं होता है
एक सड़ा हुआ दांत स्वाभाविक रूप से बगल के दांत को भी खराब कर देता है, इसलिए उनका उपचार जल्द से जल्द किया जाना चाहिए। कुछ दांतों के उपचार से बगल के दांत सड़ने लगते हैं उससे बगल के दांत कमजोर हो जाते हैं, या अन्य समस्याएं होने लगती हैं। हालांकि, दंत प्रत्यारोपण किसी भी तरह से आस-पास के दांतों के स्वास्थ्य को प्रभावित नहीं करता है। तो, दंत प्रत्यारोपण का उपचार यह एक सुरक्षित तरीका है। किसी भी हालत में डेंटल इंप्लांट्स करके आपके दांतों को बदला जा सकता है।हिसार में आयोजित 4 दिवसीय कार्यशाला में करनाल,सोनीपत,कैथल व कुरुक्षेत्र के काफी डॉक्टरों ने भाग लिया।