फतेहाबाद। चन चढ़ेया चन चढ़ेया, सतगुरु नानक प्रगटेया मिटी धुंध जग चानन होया, जिथे बाबा पैर धरे, पैर धरे बाबा खेर करे, गुरु बिन अंधार गुरु बिन समझ न आवे, प्रगट भई सगले जुग अंदर गुरुनानक दी वढिआई, जैंसा सतगुर सुनिंदा तैसा ही मैं ढीठ, सुनी पुकार दातार प्रभु, मन क्यूं बेराग करे मेरा सतगुरु पूरा आदि शब्द कीर्तन के माध्यम से गुरुओं की बाणी का गुणगान किया गया । मौका था गुरु नानकदेव के प्रकाश दिवस के उपलक्ष्य में मेन बाजार स्थित गुरुद्वारा सिंह सभा में सजाए गए दीवान का। इस अवसर पर भाई यादविंदर सिंह रागी जत्था, अमृतसर साहिब से हिम्मतवीर सिंह कथावाचक व स्थानीय हजूरी रागी जत्था भाई देवेंद्र सिंह और गुरुद्वारा गुरुनानकपुरा के हजूरी रागी जत्था भाई जगतार सिंह शब्द कीर्तन और कथा विचारों से संगत को निहाल किया। समागम में मंच संचालन गुरुद्वारा प्रबंधन कमेटी के महासचिव महेंद्र सिंह वधवा ने किया। इस अवसर पर रागी जत्थों और कथावाचक ने जहां गुरुनानकदेव की जीवनी के बारे में विस्तार से बताया वहीं उन्होंने कहा कि गुरु नानकदेव द्वारा जो ज्ञान रुपी ज्योति दिखाई गई उसी का अनुसरण कर हमें अपने जीवन को धन्य बनाना चाहिए। उन्होंने कहा कि हमें भी गुरु जी से यह अरदास करनी चाहिए कि उनके आगमन से जो प्रकाश हुआ वही प्रकाश हमारे जीवन में भी सदा बना रहे तथा हमें मार्गदर्शन करता रहे। सतगुरु नानक प्रगटेया मिटी धुंध जग चानन होया के बारे में उन्होंने बताया कि जब गुरु नानक जी इस दुनिया में आए तो उन्होंने अज्ञानरुपी अंधेरे को मिटाकर सारे संसार में ज्ञान रुपी ज्योत जलाने का काम किया।इस अवसर पर गुरु का अटूट लंगर भी चलाया गया। समागम में गुरुद्वारा प्रबंधन कमेटी के प्रधान हरचरण सिंह एडवोकेट, महासचिव महेंद्र सिंह वधवा, महेंद्र सिंह ग्रोवर, कुलवंत जोहल, जे डी मोंगा, हरमीत सिंह ग्रोवर, अजीत सचदेवा, सुदर्शन सिंह मल्होत्रा, दर्शन सिंह रावल, अवतार सिंह मोंगा, जसपाल सिंह, हरिमंद्र मिंकू, नरेश सचदेवा, जसप्रीत सिंह काकू, गुलशन मोंगा, कुलबीर मोंगा, विकास बतरा, जगदीश मोंगा, पवन चराईपौत्रा सहित अनेक संगत उपस्थित थी