फतेहाबाद। बाढ़, सेम व सूखे से खराब हुई किसानों की फसलों का मुआवजा देने सहित अन्य मांगों को लेकर जिलेभर के सैंकड़ों किसानों ने सोमवार को भारतीय किसान यूनियन चढूनी के आह्वान पर शहर में जोरदार प्रदर्शन किया। प्रदर्शन करते हुए किसान लघु सचिवालय पहुंचे और डीसी को ज्ञापन सौंपा। प्रदर्शन का नेतृत्व किसान नेता संदीप काजला, अजमेर मेहला, सतबीर गोदारा, महेन्द्र पारता व दीप ने संयुक्त रूप से किया जबकि मुख्य वक्ता के तौर पर भारतीय किसान यूनियन चढूनी की महिला प्रदेशाध्यक्ष सुमन हुड्डा मौजूद रही। प्रदर्शन के दौरान किसानों ने प्रदेश सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। किसानों ने सरकार और प्रशासन को 15 दिन का अल्टीमेटम देते हुए कहा कि यदि सरकार ने इस दौरान पीडि़त किसानों को मुआवजा नहीं दिया और अन्य मांगों का समाधान नहीं किया तो भारतीय किसान यूनियन चढूनी मीटिंग करके बड़े आंदोलन की घोषणा करेगी।
प्रदर्शन के दौरान किसानों को संबोधित करते हुए सुमन हुड्डा ने कहा कि पहले बाढ़, सेम और अब सूखे के कारण किसानों की फसलें खराब हो रही है लेकिन प्रदेश सरकार किसानों की कोई सुध नहीं ले रही है। बाढ़, सेम व सूखा प्रभावित किसानों को अब तक कोई मुआवजा जारी नहीं किया गया है। यही नहीं, पिछले दो सालों से भी किसानों का मुआवजा बकाया पड़ा है, जिसे सरकार दबाकर बैठी है। सुमन हुड्डा ने कहा कि जिन किसानों ने पहले बीमा करवाया था, वो रकम अब वापस किसानों के खाते में डाली जा रही है और उसे बीमा क्लेम नहीं दिया जा रहा। बाढ़ से ट्यूब्वैलों और मकानों को भी भारी नुकसान पहुंचा है। सरकार के किसी भी विधायक ने इन किसानों के बीच जाकर उनकी समस्याओं को नहीं जाना है। उन्होंने कहा कि आज किसानों को अपनी हर समस्या के लिए सडक़ों पर उतरना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि अगर सरकार किसानों की पहले ही सुध ले ले तो किसानों को भी सडक़ों पर उतरने का शौक नहीं है। उन्होंने सरकार को सख्त चेतावनी देते हुए कहा कि किसान वह कौम है, जब-जब वह अपने हकों के लिए सडक़ों पर उतरती है तो बड़ी-बड़ी सरकारों को हिला देती है। उन्होंने सभी किसानों से एकजुट होकर अपने हकों की लड़ाई लडऩे का आह्वान किया।
मुआवजा व अन्य मांगों को लेकर सडक़ों पर उतरे किसान
प्रशासन को 15 दिन का अल्टीमेटम
Highlights
- पहले बाढ़, सेम और अब सूखे के कारण किसानों की फसलें हो रही खराब, सरकार नहीं ले रही सुध : सुमन हुड्डा
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