फतेहाबाद: भले ही प्रशासन ने शहर व गांवों की आबादी तक बाढ़ के पानी को पहुंचने से रोक दिया हो, लेकिन ढाणियों के हालात काफी नाजुक हैं। माजरा रोड बाईपास की ढाणियों टाहली वाली ढाणी, मसीता वाली ढाणी, खान मोहम्मद आदि गांवों में बाढ़ के पानी निकासी रूक जाने किसानी और ढाणियों में रहने वाले लोगों की पेशानी पर चिंता की रेखाएं स्पष्ट नजर आ रही है। आज इन गांवों के किसान इकट्टठे हुए और मीडिया के माध्यम से सरकार व प्रशासन से गुहार लगाई की पंप सेट लगाकर ठहरे हुए पानी की निकासी की जाए नहीं तो यहां गेहूं की बिजाई भी नहीं हो सकेगी। उन्होंने कहा कि अगर जल्द ही पानी की निकासी नहीं हुई तो वह आंदोलन व धरना देने को मजबूर होंगे। किसानों ने बताया कि प्रशासन ने शहर को तो बचा लिया, लेकिन ढाणियों में अभी भी पांच से छह फुट तक पानी भरा है। ऐसे में यहां के बाशिंदों को बसने में भारी परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। किसानों का कहना है कि ठहरे हुए पानी की वजह से उनके मकान गिरने शुरू हो गए है। यहां के लोग राहत शिविरों में प्रवासियों की तरह रह रहे हैं। पशुओं के लिए चारे की समस्या पैदा हो गई है। इस क्षेत्र में आई फ्लु की बीमारी फैलती जा रही है। अन्य बीमारियों फैलने का अंदेशा है। इस बारे में जब विधायक दुडा राम से बात की गई तो उन्होंने कहा प्रशासन व सरकार इस पानी को निकालने के लिए पूरी तरह संजीदा है। अधिकारी पानी निकालने की जगह तलाश रहे हैं।