फतेहाबाद/ हरियाणा सरकार ने किसान हित में निर्णय लिया है कि मेरी फसल मेरा ब्योरा पोर्टल को पुन: एक बार तीन दिन के लिए और खोल दिया जाए ताकि किसान खरीफ फसलों के पंजीकरण का ब्योरा पोर्टल पर अपलोड कर सकें। खरीफ की फसलों के पंजीकरण हेतू पोर्टल 28 से 30 सितंबर तक खुला रहेगा। इसके साथ ही एक अक्टूबर से 30 नवंबर तक ई-क्षतिपूर्ति पोर्टल भी खुला रहेगा। उपायुक्त अजय सिंह तोमर ने बताया कि जो किसान पहले किसी कारणवश पंजीकरण नहीं करवा पाए वे तुरन्त कृषि विभाग के डब्ल्यूडब्ल्यूडब्ल्यू डॉट फसल डॉट हरियाणा डॉट जीओवी डॉट आईएन पर पंजीकरण करवा सकते हैं। किसानों द्वारा अपने कृषि उत्पादों को मंडियों में बेचने तथा सरकार द्वारा चलाई गई कृषि योजनाओं का लाभ उठाने हेतू अपनी फसलों का पंजीकरण मेरी फसल मेरा ब्योरा पोर्टल पर पंजीकरण करवाना अति आवश्यक हैं। उपायुक्त ने किसानों से पुन: अपील की कि जिन किसानों ने अपनी फसलों का पंजीकरण मेरी फसल मेरा ब्योरा पोर्टल पर नहीं करवाया है, तुरन्त अपना पंजीकरण करवाना सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि किसानों के हित को ध्यान में रखते हुए पोर्टल को दोबारा से खोला गया हैं। इसलिए किसान इसका लाभ उठाए। उन्होंने बताया कि किसी भी जानकारी के लिए अपने नजदीकी कृषि विभाग या टोल फ्री नंबर 1800-180-2117 पर लें सकते है। उन्होंने बताया कि पंजीकरण के लिए परिवार पहचान पत्र अनिवार्य है। उपायुक्त ने बताया कि सरकार की ओर से एक अक्टूबर से 30 नवंबर तक ई-क्षतिपूर्ति पोर्टल को भी खोला जाएगा। इस दौरान किसान अपनी कपास की फसल में हुए नुकसार का ब्योरा पोर्टल पर दर्ज करवा सकेंगे। उपायुक्त ने कृषि विभाग के अधिकारियों को भी निर्देश दिए है कि वे कपास फसल के नुकसान का आंकलन करते हुए रिपोर्ट सरकार को भेजे ताकि फसल में हुए नुकसान पर वित्तीय सहायता जिला के किसानों को प्रदान की जा सके। उन्होंने बताया कि कपास में गुलाबी सुंडी के प्रकोप से हुए नुकसान की भरपाई के लिए हर गांव में कपास फसल के लिए फसल कटाई प्रयोगों को दोगुना करते हुए चार से आठ करने के भी निर्देश सरकार की ओर से पारित किए गए है ताकि नुकसार का सटीक आंकलन किया जा सके।