फतेहाबाद: जिला मुख्यालय स्थित एकमात्र सरकारी पुस्तकालय को शहर से बाहर राजकीय महिला महाविद्यालय में शिफ्ट करने उ’तर शिक्षा विभाग के फैसले का विरोध शुरू हो गया है। आज जिंदगी संस्था के अध्यक्ष हरदीप सिंह, पार्षद मोहन लाल नारंग, शहर के कई सामाजिक संस्थाओं के लोग व पुस्तकालय में रोजाना पढ़ाई के लिए आने वाले छात्रों ने डीसी मनदीप कौर से मुलाकात कर जिला पुस्तकालय को भोडिय़ाखेड़ा शिफ्ट न करने की मांग रखी व ज्ञापन सौंपा। छात्र नरेश, कुलदीप, चेतन, अनिल, समीर, मोनू, कौशल शर्मा, पूनम, वीरपाल कौर, पुजा रानी, कमलेश, रविन्द्र, प्रवीन आदि ने बताया कि जिला पुस्कालय को शहर से बाहर भोडिय़ाखेड़ा महिला महाविद्यालय में शिफ्ट करने से उन्हें परेशानी का सामना करना पड़ेगा। छात्रों ने बताया कि उनमें से कई छात्र सुदूर ग्रामीण एरिया से जिला पुस्तकालय पर पर पढऩे आते है। उनको पहले नवनिर्मित बस स्टैंड पर आना पड़ता है फिर वह पंचायत भवन के पास स्थित जिला पुस्तकालय में आते है।
अब पुस्तकालय भोडिय़ाखेड़ा शिफ्ट होने से उन्हें भोडिय़ाखेड़ा जाना पड़ेगा। ऐेसे में उन्हें एक तो उनका समय Óयादा लगेगा वहीं दूसरी ओर उनको आर्थिक रूप से नुकसान भी उठाना पड़ेगा। वहीं कई छात्रों ने बताया भोडिय़ाखेड़ा में जहां पुस्तकालय शिफ्ट किया गया है वहां तो न तो बैठने के लिए ही जगह ही उपयुक्त है और न ही पुस्तकालय का सामान रखने के लिए पर्याप्त जगह है। ऐसे में विभाग का पुस्तकालय शिफ्ट करने का फैसला बिल्कुल गलत है और उन्हें काफी परेशानियों का सामना करना पड़ेगा। जिला पुस्तकालय में छात्र-छात्राओं के अलावा बुजुर्ग व पुस्कालय के पाठक भी रोजाना लाईब्रेरी में आते है। ऐसे में अब बुजुर्गों के साथ जिला पुस्तकालय को सदस्यों के लिए लाईब्रेरी शिफ्ट करने का फैसला मुसीबत बनने जा रहा है। वहीं जिंदगी संस्था के अध्यक्ष ने लाईब्रेरी को भोडिय़ाखेड़ा में शिफ्ट करने के फैसले पर गहरी नाराजगी व्यक्त की है। हरदीप सिंह का कहना है कि जिला लाईब्रेरी की लिए उचित जगह शहर में ही बनती है। शहर में कई जगह व धर्मशाला है जहां जिला पुस्तकालय को शिफ्ट किया जा सकता था। लेकिन विभाग ने ऐसा नहीं किया। वार्ड नंबर 12 के पार्षद मोहन लाल नारंग ने भी जिले के एकमात्र सरकारी लाईब्रेरी को शहर से दूर गांव भोडिय़ाखेड़ा में शिफ्ट करने पर विभाग के फैसले पर सवाल उठाया है। उन्होंने कहा कि जिला मुख्यालय पर लाईब्रेरी होने से जिले के सभी गांवों के छात्र छात्राओं व लाईब्रेरी में आने वाले पाठकों को सहुलियत होती थी, लेकिन भोडिय़ाखेड़ा में पुस्तकालय के जाने से न तो वहां कोई छात्र ही जाएगा और न ही पाठक। ऐसे में जिला पुस्तकालय के औचित्य पर ही प्रश्न चिह्न लग जाता है। छात्र छात्राओं व पाठकों व सामाजिक संस्थाओं के सदस्यों ने ज्ञापन में जिला पुस्तकालय को पंचायत भवन, आरटीओ कार्यालय भवन, पपीहा पार्क परिसर, पुरानी तहसील ऑफिस, शहर की किसी धर्मशाला में शिफ्ट करने का सुझाव दिया हैं।