फतेहाबाद। पंचायत मंत्री देवेंद्र सिंह बबली का कहना है कि जब वे समाजसेवी के रूप में कार्यरत थे तो उन्हें नहीं पता था कि राजनीति ऐसी होती है। 1997 से 2007 तक उन्होंने व्यवसाय को आगे बढ़ाया, फिर 2007 से समाजसेवा के साथ-साथ राजनीति में आए। आज उन्हें खुशी है कि इतिहास में उनका भी नाम होगा कि वे विधायक बने, मंत्री बने और प्रदेश के विकास में अहम योगदान दिया। पंचायत मंत्री देवेंद्र बबली ने बीती सायं फतेहाबाद प्रेस क्लब के चाय पर चर्चा कार्यक्रम में दिल खोलकर अपने समाजसेवी, राजनीतिक व मंत्री बनने के बाद के कार्यकाल पर बात की। अपने विरोधियों पर भी तीखे निशाने साधने से वे नहीं चूके। कार्यक्रम में पहुंचने पर प्रेस क्लब के अध्यक्ष विजय मेहता, महासचिव कपिल शर्मा, सदस्य रमेश भट्ट, कोषाध्यक्ष मदन लाल गर्ग, अनिल गोयल, ललित मेहता ने बुके भेंट कर उनका स्वागत किया। इसके बाद विजय मेहता ने कार्यक्रम की शुरूआत करते हुए पंचायत मंत्री देवेंद्र बबली के राजनीतिक जीवन से रूबरू करवाया, तत्पश्चात सवालों का सिलसिला शुरू हुआ। देवेंद्र बबली ने कहा कि यह तय है कि वे आगामी विधानसभा चुनाव टोहाना से लड़ेंगे, अभी जेजेपी व भाजपा गठबंधन में है, आगामी चुनाव भी गठबंधन से लड़ा जाएगा, चुनाव बबली ही लड़ेगा, यह दोनों दलों की लीडरशिप तय करेगी। मुख्यमंत्री मनोहर लाल से नजदीकी और भविष्य में भाजपा की टिकट पर चुनाव लडऩे की संभावनाओं पर कहा कि यह सवाल अभी जल्दी है, लेकिन सरकार गठबंधन में ही बनेगी, आगे की बात समय बताएगा, फिल्हाल वे जेजेपी में हैं। फतेहाबाद जिले के मेडिकल कॉलेज पर उन्होंने कहा कि भले ही यह टोहाना क्षेत्र में बन रहा हो, लेकिन इससे पूरे जिले को लाभ होगा, 1100 करोड़ रुपये का बजट जब घूमेगा तो पूरे जिले में रोजगार मिलेगा। इसकी &5 एकड़ जमीन ट्रांसफर हो चुकी है, पूरी डीपीआर बन कर विभाग से अपू्रव होकर मुख्यमंत्री के पास जा चुकी है। पहले फेस में 200 करोड़ खर्च होंगे, जबकि चार-पांच साल में बनने पर इसकी लागत 1100 करोड़ खर्च होगी। इस साल के अंत तक पहले फेस की फैसिलिटी शुरू हो जाएगी और इसकी उसारी भी शुरू हो जाएगी। बबली कहा कि उन्होंने भाई भतीजावाद, डकैती की राजनीति, विकास का पैसा जेब में डालने वालों की राजनीति बंद की है, वे बतौर विधायक सत्ता सुख नहीं सत्ता सेवा के लिए आए हैं। उनके पसीने से इमानदारी की खुशबू आएगी। उनसे पहले जिस पार्टी से आज उनका गठबंधन है, उनकी कार्यशैली को लोगों ने देखा, उससे पहले 10 साल तक कांग्रेस के मंत्री रहे। बबली ने कहा कि उन्होंने टोहाना को नर्क बनाने का काम किया, टोहाना के साथ गद्दारी की। कांग्रेस की टिकट के लिफाफे पर एक ही परिवार का नाम जाता था, वो ऐसा परिवार था जो टोहाना ही नहीं देश का गद्दार था। कांग्रेस में और भी बहुत से युवा लोग आए हैं, पार्टी उन्हें मौका क्यों नहीं देती। क्या कोई बता सकता है कि आज तक किसको मुरब्बे जमीनें, राय साहब के खिताब ऐसे ही मिल गए हों, ऐसा क्या किया है देश के लिए जो यह सब मिला? पहले तो टोहाना में मंत्री का पता लगाने के लिए कोठी के बाहर खड़े व्यक्ति की जेब में 500 रुपये देने पड़ते थे, फिर मंत्री को खाने पर बुलाने के लिए पैसे देने पड़ते थे। इनके बाद वह आए और टोहाना की जनता ने उन्हें जीताया, क्योंकि वे जनता की पसंद थे। बाढ़ मुआवजे की मांग को लेकर आंदोलनरत किसानों को लेकर उन्होंने कहा कि सरकार बाढ़ पीडि़तों को हर संभव सहायता देने के लिए लगी हुई है। सांसद सुनीता दुग्गल द्वारा किसान संगठनों को विपक्षी दलों के लोग बताने पर उन्होंने कहा कि कहीं न कहीं हर चीज के पीछे यह राजनीति हो रही है, यह सही है, यह राजनीति प्रदेश के विकास में बाधा पहुंचाने का काम करती है। सरकार को जगाना या चेताना यह हर नागरिक का हक है, लेकिन राजनीति नहीं होनी चाहिए। विरोधी सरपंचों पर उन्होंने कहा कि सरपंचों की नाराजगी भी राजनीति से प्रेरित है। अपने जिले में भी दो-तीन लोग हैं, जो फोटो सेशन के लिए आते हैं, मनरेगा के लोगों को बहला फुसलाकर इक_े करते हैं और नारेबाजी करते हैं। अब इनके गांवों की जनता को भी इनका पता चल गया है। उन्होंने कहा कि प्रदेश के पंचायती विभाग में अधिकारियों और कर्मचारियों की बड़े स्तर पर भर्ती पहली बार अब हो रही है। इससे विभाग की स्ट्रेंथ बढ़ रही है और विकास की रफतार अब बढ़ेगी। उन्होंने कहा कि अब व्यवस्था परिवर्तन हो रहा है, ग्राम दर्शन पोर्टल के माध्यम से अंतिम छोर तक के लाभार्थी को लाभ दिया जाएगा। कहीं कहीं कोई तकनीकी खामियां आ रही हैं, उन्हें दूर किया जा रहा है। बिचौलिया प्रथा दूर की गई है। पोर्टल का लाभ यह है कि अब बाढ़ प्रभावित हर क्षेत्र का डेटा सरकार के पास है और प्रभावित किसान की क्षतिपूर्ति की जा रही है। बीपीएल कार्ड, बुढापा पेंशन आदि मेंं अड़चने, त्रुटियां आई हैं, लेकिन सरकार इन्हें दूर कर रही है। सरकार चाहती है कि जिस स्कीम का जो भी हकदार हो, उसे उसका हक मिले। अधिकारियों पर सख्ती के सवाल पर उन्होंने कहा कि वे देशभक्त परिवार में पैदा हुए, उनमें ऐसी भावना है कि जब वे कोई अधिकारी अपनी कुर्सी से न्याय नहीं करता तो वे सख्त भाषा का इस्तेमाल कर जाते हैं, यह अपनी खुशी के लिए नहीं करते, इसलिए करते हैं ताकि अधिकारी को यह याद रहे कि उस कुर्सी की गरिमा क्या है। जिला परिषद में ढीली कार्यप्रणाली पर बबली ने कहा कि इसका कारण आपसी राजनीतिक खींचतान है, ईटेंडरिंग सरकार लाई तो लोगों को तकलीफ हुई, जिस गति से पैसा खर्च होना चाहिए, वह गति अभी नहीं है, उनका प्रयास जारी है। अब अधिकारी कर्मचारियों का नजरिया भी बदल रहा है। अब हर महीने चुने हुए प्रतिनिधियों से संवाद होगा। 1966 से हरियाणा बना और अब तक पंचायत विभाग का बजट राजनीतिक मैनेजमेंट में प्रयोग होता रहा। पांच साल भी विभाग का बजट ढंग से लग जाए तो गांवों की दिशा और दशा बदल जाएगी। नालियों, गलियों की जरूरत है, लेकिन क्या 50 साल बाद भी इसी पर ही बात क्यों करते रहे? इंडिया गठबंधन के सवाल पर उन्होंने कहा कि इनका कुनबा चुनाव तक बिखर जाएगा, इनकी आपसी कंट्रोवर्सी जनता देख रही है। भविष्य में बाढ़ मैनेजमेंट के सवाल पर उन्होंन कहा कि आज इस संबंध में अधिकारियों की मीटिंग ली गई, जिसमें काफी सुझाव आए हैं कि आगे बाढ़ के नुकसान को कैसे रोका जाए, इसको लेकर प्रपोजल सरकार को भेजा है। इस बार भी सरकार की तत्परता से गांवों और शहरों में पानी जाने से रोका गया, यदि शहरों गांवों में पानी जाता तो नुकसान बहुत होना था, एक हद तक इसे रोक लिया गया, आगे भी 100 प्रतिशत मुमकिन नहीं है, लेकिन कोशिश रहेगी कि भविष्य में कम से कम नुकसान हो। कार्यक्रम के अंत में पत्रकार रमेश भट्ट ने मंत्री देवेंद्र बबली के कार्यक्रम में पहुंचने पर उनका धन्यवाद किया। इस अवसर पर जगदीश रावी, संजय आहुजा, अजय मेहता, जितेंद्र मोंगा, योगेश अरोड़ा, नरेंद्र मदान, विनोद शर्मा, मुकेश नारंग, लिंकन गिल्होत्रा, सतीश खटक, दीपक सन्नी ग्रोवर भी मौजूद रहे