फतेहाबाद। बीडीपीओ कार्यालय में धरना देकर रोष जताते ग्रामीण सफाई कर्मचारी।[/caption]
फतेहाबाद। प्रदेश की बीजेपी-जजपा गठबंधन सरकार द्वारा सफाई कर्मचारियों के प्रति घोर उपेक्षापूर्ण रवैये, पिछले कई सालों से बेगार और शोषण की मार झेल रहे प्रदेशभर के ग्रामीण सफाई कर्मचारी काम का बहिष्कार कर मंगलवार से 72 घंटे की हड़ताल पर चले गए है। ग्रामीण सफाई कर्मचारियों की हड़ताल के कारण गांवों में तीन दिन सफाई का कामकाज ठप्प रहेगा। फतेहाबाद व नागपुर ब्लाक के ग्रामीण सफाई कर्मचारियों ने आज बीडीपीओ कार्यालय में धरना दिया और प्रदेश सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। ग्रामीण सफाई कर्मचारी यूनियन के जिला प्रधान बलवीर सिंह व कोषाध्यक्ष हरपाल ने कहा कि वे हड़ताल पर जाने से पहले जिला व राज्य स्तर पर प्रदर्शन कर चुके है। बार-बार पंचायत मंत्री व अधिकारियों से बातचीत हो चुकी है लेकिन हर बार आश्वासन देकर टरका दिया जाता है। पंचायत मंत्री खुद कहते हैं कि ग्रामीण सफाई कर्मचारी पक्का होने का सपना लेना छोड़ दें, जिससे साफ है कि यह सरकार उन्हें एक दलित के सिवाय कुछ नहीं समझती। धरने को दीपक, सुरेंद्र, उग्रसेन, कालू, हुकम सिंह, शारदा, वीना रानी, नगर पालिका कर्मचारी संघ से रमेश तुसामड़, ओमप्रकाश लोट, विजय ढाका, वीरु, अध्यापक संघ से राजपाल मिताथल, नौजवान सभा के राज्य प्रधान शाहनवाज एडवोकेट आदि ने भी संबोधित करते हुए अपना समर्थन दिया। उन्होंने मांग की कि हरियाणा सरकार विधानसभा में पॉलिसी बनाकर तमाम कर्मचारियों को पक्का करे। न्यूनतम वेतन 26 हजार दिया जाए। शहर की तर्ज पर 400 की आबादी पर एक सफाई कर्मचारी की नियुक्ति हो। जिन पंचायतों में कूड़ा डालने की जगह नहीं है, वहां जगह उपलब्ध करवाई जाए। इन कर्मचारियों को ईपीएफ, ईएसआई का लाभ दिया। बच्चों के लिए शिक्षा भत्ता लागू हो। काम के औजार दिए जाएं। कर्मचारियों को सरकार के पे-रोल पर लिया जाए। हर माह की? 7 तारीख तक मानदेय देना सुनिश्चित किया जाए। कर्मचारी नेताओं ने ?सरकार को आगाह करते हुए कहा कि समय रहते बातचीत के द्वारा मांगों का समाधान नहीं किया गया तो यह हड़ताल आगे भी बढ़ सकती है।