फतेहाबाद: नगर परिषद के प्रधान राजेंद्र खिंची द्वारा अनुसूचित जाति आयोग को भेजे गए लेटर का आखिरकार असर हो गया है। लेटर का यह बम ऐसा फुटा है कि नगर परिषद के प्रधान व उपप्रधान की कुर्सियों में अलगाव हो गया है। पहले जो कुर्सियां साथ लगी हुई थी, वह अब अलग हो जाएंगी। नगर परिषद प्रशासन ने इस विवाद के बाद नगर परिषद की उपप्रधान सविता टुटेजा को नगर परिषद में चल रहे कमरा नंबर तीन का सीएससी सेंटर अलॉट कर दिया गया है। वहीं सीएससी सेंटर को शैड के नीचे शिफ्ट कर दिया गया है। आपको बता दें कि पहले पार्षदों ने मिलकर सविता टुटेजा को नगर परिषद का उपप्रधान बनाया था और इसके बाद उनकी कुर्सी नगर परिषद के प्रधान राजेंद्र खिंची के कार्यालय में साथ ही लगा दी गई थी। हालांकि उस समय राजेंद्र खिंची ने इसका स्वागत किया गया था, लेकिन बाद में प्रधान व उपप्रधान के बीच कटुता बढ़ती गई। हालात यह हो गए कि अब 11 माह बाद राजेंद्र खिंची को मजबूरन अपनी प्राइवेसी के चलते अनुसूचित जाति आयोग को पत्र लिखना पड़ा। उनका कहना था कि वह एससी वर्ग से हैं और उनके साथ अन्याय हुआ है। उनके साथ ही नगर परिषद के उपप्रधान की कुर्सी लगा दी गई। जिसको लेकर एससी वर्ग से जुड़े कई पार्षदों ने कल प्रधान का विरोध किया तो कई पार्षद उनके समर्थन में भी आ गए। शहर में विकास कार्य तो रूके हुए हैं और प्रधान व उप प्रधान की आपसी जंग लगातार जारी थी। पार्षदों के भी दो धड़े इस मामले में बंटे हुए हैं। बताया गया है कि राजेंद्र खिंची के इस लेटर की वजह से विधायक दुड़ाराम को हस्तक्षेप करना पड़ा है। कल जब मीडिया के सामने राजेंद्र खिंची ने यह बात कही कि उपप्रधान ने पूरी नगर परिषद को हाइजैक कर लिया है और उनके साथ कुर्सी होने के कारण प्राइवेट तौर पर मिलने वाले लोगों से भी वह तरीके से बात नहीं कर सकते। उन्होंने कहा था कि कोई काम अगर वह करना चाहते थे तो उसमें टोका टाकी अधिक होती थी, जिस कारण वह काम नहीं कर पा रहे थे और नगर परिषद कार्यालय में जाने का दिल भी नहीं कर रहा था। वहीं इस विवाद के बीच कल उपप्रधान सविता टुटेजा ने भी कहा था कि अगर प्रधान को परेशानी है तो वह नगर परिषद के बाहर एक मेज व कुर्सी पर बैठकर भी काम कर सकती हैं। आज इस घटनाक्रम में आखिरकार प्रधान व उपप्रधान की कुर्सियों को अलग कर दिया गया है।