फतेहाबाद: नगर परिषद प्रधान को समर्पण के लिए मजबूर करने के लिए विधायक समर्थित उपप्रधान गुट ने नगर परिषद प्रधान के विरुद्ध अविश्वास प्रस्ताव लाने का दाव चला है। हालांकि अभी तक यह हवाई फायरिंग लग रही है क्योंकि प्रधान राजेंद्र खिची भाजपा के चुनाव निशान पर चुनाव जीत कर आए है। पहले तो पार्टी का आलाकमान विधायक को इस तरह की कार्रवाई के लिए सहमति नहीं देगा क्योंकि यदि किसी वजह से प्रधान के विरुद्ध लाया गया अविश्वास प्रस्ताव गिर गया तो विधायक को राजनैतिक रूप से घाटा होगा ही साथ ही में प्रधान राजेंद्र खिची भी पार्टी के बंधन से आजाद हो जाएंगे। चुनावी वर्ष में क्या विधायक इतना बढ़ा जोखिम लेने की स्थिति में हैं। ऐसा लगता तो नहीं क्योंकि नगर परिषद की लड़ाई में उनका पहले भी खासा राजनीतिकनुकसान हो चुका है। हालांकि इस तरह से अभिनय किया जा रहा है जैसे अविश्वास प्रस्ताव तो बस आजकल में आया। प्रधान को हटाने के लिए तीन चौथाई पार्षद चाहिए। नगर परिषद में कुल 27 पार्षद है। ऐसे में राजेंद्र खिची को हटाने के लिए 20 पार्षद चाहिए। यदि अविश्वास प्रस्ताव पर विधायक व सांसद का भी वोट का प्रावधान हुआ तो प्रधान को हटाने के लिए 22 पार्षदों की जरूरत पड़ेगी। अगर प्रधान हट जाते है तो नए सिरे से चुनाव होंगे। ऐसे में भाजपा किस मुंह से फिर से मतदाताओं के बीच जाएगी। मतदाता पूछेंगे कि क्या गारंटी है कि अगला प्रधान विधायक की मानेगा ही। ऐसे में अविश्वास प्रस्ताव दाव मात्र अभिनय ही लग रहा है, तांकि प्रधान विधायक समर्पित उपप्रधान के कार्यालय स्थापना में कोई दिक्कत न करें। वहीं प्रधान गुट के पार्षद 14 अगस्त को मुख्यमंत्री मनोहर लाल से मिलकर कोई धमाका भी कर सकते है।