फतेहाबाद: फतेहाबाद शहर के साथ लगते गांव मताना के जल घर में बने पेयजल टैंक में हजारों की संख्या में मरी हुई मछलियां मिली है। बड़ी संख्या में मछलियों के मरने से टैंक में पड़ा पेयजल दूषित हो गया जिससे मताना गांव में पेयजल का संकट पैदा हो गया है। वहीं मछलियों के मरने के कारण वाटर टैंक में वाटर लेवल कम होना बताया जा रहा है। घटना की जानकारी देते हुए गांव के सरपंच दलबीर मताना ने बताया कि गांव मताना में बने जलघर के वाटर टैंक में हजारों की संख्या में मछलियां मृत अवस्था में पाई गई। उन्होंने बताया कि जैसे ही मृत मछलियों की सूचना उन्हें मिली तो वह जलघर पहुंचे और ग्रामीणों के सहयोग से मरी हुई मछलियों को वाटर टैंक से बाहर निकालकर उन्हें मिट्टी में दबा दिया गया। सरपंच का कहना है कि जनस्वास्थ्य विभाग को घटना की जानकारी दे दी गई है लेकिन अभी तक विभाग का कोई कर्मचारी मौके पर नहीं पहुंचा है। उन्होंने बताया कि जलघर में नहर से पेयजल आता है और पिछले 10 दिनों से वाटर टैंक में पानी नहीं आ रहा था। इस वजह से पानी का लेवल दिन प्रतिदिन घट रहा था। सरपंच दलबीर मताना का कहना है कि वाटर टैंक में कुछ दिनों से पानी का लेवल 2 फुट रह गया था जिससे वाटर टैंक में पड़ा पानी गर्म हो गया और बड़ी संख्या में मछली मर गई। सरपंच ने बताया कि मछलियां करीब 6 फुट पानी में सरवाईव कर सकती है लेकिन पानी का लेवल 2 फुट रह गया जिससे पानी गर्म हो गया। उन्होंने बताया कि मछलियों के मरने से वाटर टैंक में पड़ा पानी पीने योग्य नहीं रह गया है और गांव में फिलहाल पेयजल सप्लाई रोक दी गई है। दलबीर मताना ने बताया कि मछलियों के मरने से जलघर के में बदबू का आलम है और पूरे मामले की सूचना जनस्वास्थ्य विभाग के कार्यकारी अभियंता को दे दी गई। गांव में फिलहाल पंचायती वाटर टैंकर से लोगों को पीने का पानी मुहैया करवाया जा रहा है। उन्होंने बताया कि जब तक वाटर टैंक की सफाई नहीं होती तब तक पेयजल सप्लाई नहीं शुरू होगी। उन्होंने जनस्वास्थ्य विभाग से मांग की है कि तुरंत वाटर टैंक की सफाई करवाकर पेयजल सप्लाई सुनिश्चित किया जाए। साथ ही उन्होंने सुझाव भी दिया है कि अगर जनस्वास्थ्य विभाग सफाई करने में असमर्थ है तो वह पंचायती तौर पर वाटर टैंक की सफाई करा सकते है लेकिन इसके लिए जनस्वाथ्य विभाग की अनुमति जरूरी है।